Union Home and Cooperation Minister Amit Shah inaugurated and laid the foundation stone of various development works costing Rs 368 crore in Chandigarh
The Voice of Chandigarh :
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज चंडीगढ़ में 368 करोड़ रूपए की लागत वाले विभिन्न विकास कार्यो का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारीलाल पुरोहित और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि आज यहां 368 करोड़ रूपए की लागत वाली 9 परियोजनाओं का उद्घाटन और 32 करोड़ रूपए की लागत वाली 3 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ आधुनिक कल्पना के साथ बसाया गया एक पूर्ण शहर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के प्रयासों से कई शहर आगे बढ़ रहे हैं और चंडीगढ़ को इस स्पर्धा में रहते हुए अपने आप को साबित करना होगा और पहला स्थान बनाए रखने के लिए बहुत काम करना होगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां लगभग 400 करोड़ रूपए की लागत से स्वच्छता, शिक्षा, सुरक्षा, आवासीय सुविधाएं और उच्च शिक्षा के कई प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की सुरक्षा के लिए आज कुछ वाहनों की भी शुरूआत हुई है और 744 युवाओं को असिस्टेंट सबइंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल के रूप में नियुक्ति पत्र भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस ने बीट के कॉन्सेप्ट को पुनर्जीवित करने की बात को बहुत अच्छे तरीके से ज़मीन पर उतारा है। उन्होंने कहा कि आज देश के कई राज्यों की पुलिस ने कमोबेश इसी पैटर्न पर चलते हुए इस व्यवस्था को स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि पुलिस के सामने अलग प्रकार की चुनौतियों, विशेषकर टेक्नोलॉजी से संबंधित, के समाधान के लिए हैकाथॉन के माध्यम से युवाओं को जोड़ने की बात कही गई थी। आज यहां इसमें पहले, दूसरे और तीसरे स्थान की टीमों को पुरस्कृत किया गया है। इसके माध्यम से देशभर के युवाओं को अपने ज्ञान का उपयोग देश की समस्याओं का निवारण करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। श्री शाह ने कहा कि आज यहां साइबर ऑपरेशन औऱ सुरक्षा केन्द्र (CENCOPS) का भी उद्घाटन हुआ है। संसद द्वारा तीनों विधेयकों के पारित होने के अगले दिन ही आज गृह मंत्री ने चंडीगढ़ में साइबर ऑपरेशन और सुरक्षा केन्द्र (CENCOPS) में इन कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
अमित शाह ने कहा कि कल ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश की संसद ने देश की क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में परिवर्तन लाने वाले तीन युगांतरकारी विधेयकों को कानून में बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की स्पिरिट से पूरे देश का जस्टिस सिस्टम चले, हमारा कानून अत्याधुनिकतम तकनीक को स्वीकारने के लिए अपने आप को तैयार करे, इसके लिए ज़रूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर बने, कनेक्टिविटी से लेकर हार्डवेयर तक की सारी सुविधाओं के साथ पूरे देश की अनुसूचित भाषाएं बातचीत कर पाएं और एकदूसरे के साथ अपने को जोड़ सकें। उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन से डीजीपी कार्यालय, कोर्ट, जेल, एफएसएल, प्रॉसीक्यूटर का कार्यालय और सचिवालय एक दूसरे के साथ जुड़ जाएं, इस प्रकार की कम्प्लीट लीकप्रूफ न्यायिक व्यवस्था बनाने का मूल इन कानूनों में रखा गया है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर पूरी तरह अमल के बाद पूरे देश में किसी भी आपराधिक मामले का निपटारा 3 सालों से अधिक समय नहीं लेगा। श्री शाह ने कहा कि इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बहुत सारा परामर्श किया गया और फिर इन्हें गृह मंत्रालय की समिति के पास भेजा गया। इसके बाद सुझाए गए सभी सशोधनों पर विचार कर एक कम्प्लीट कानून बनाकर संसद में पेश किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने बहाना बनाकर इन तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा का बहिष्कार करने का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लिया। श्री शाह ने कहा कि जब देश की संसद में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन लाने वाले 3 कानूनों पर बहस हो रही थी, उस वक्त विपक्ष के सदस्य महामहिम उपराष्ट्रपति जी की मिमिक्री करने का निंदनीय काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस देश में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन संवैधानिक पदों की मर्यादा को हमेशा बनाए रखा गया है। उन्होंने कहा कि जो हमें उपदेश देते हैं, उन्होंने खुद भारत मे संवैधानिक पदों की मर्यादा को संभालने की लोकतंत्र की उज्ज्वल परंपरा पर गहरा आघात किया है और देश की जनता ये सब देख रही है। श्री शाह ने कहा कि विपक्ष को ये आभास नहीं है संवैधानिक पद देश में संविधान को लागू करने का ज़रिया होते हैं औऱ इसीलिए इन्हें इन्स्टीट्यूशन और राजनीति से ऊपर माना गया है। उन्होंने कहा कि हमने कभी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के सम्मान को चोट नहीं पहुंचने दी और ना कभी पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि देश की जनता को ये ध्यान में रखना चाहिए कि जब इन तीन विधेयकों को कानून में परिवर्तित होने की प्रक्रिया चल रही थी, तब विपक्ष संविधान की मर्यादा तोड़ने के लिए संवैधानिक पदों पर बैठे महानुभावों का अपमान कर रहा था।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दिसम्बर, 2024 तक सभी केन्द्रशासित प्रदेशों में इन तीनों कानूनों पर अमल के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, सॉफ्टवेयर, मानव संसाधन की ट्रेनिंग और कोर्ट के पूर्ण कम्प्यूटराइज़ेशन का काम हो जायेगा। उन्होंने कहा कि CCTNS और ICJS के माध्यम से मोदी सरकार ये काम पहले ही शुरू कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर पूरी तरह से अमल के लिए चंडीगढ़ को तैयार करने के लिए डिटेल्ड समयबद्ध कार्यक्रम बनाया जाएगा। श्री शाह ने कहा कि आतंकवाद, संगठित अपराध की व्याख्या पर अमल, डायरेक्टर ऑफ प्रॉसीक्यूशन के गठन, फॉरेंसिक को स्थायित्व देने और ICJS और CCTNS में लूपहोल्स खत्म करने के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम बनेगा औऱ 31 जनवरी, 2024 से पहले सभी केन्द्रशासित प्रदेशों में बैठक कर 22 दिसंबर, 2024 से पहले सभी केन्द्रशासित प्रदेशों को इन कानूनों पर अमल के लिए पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ये कानून बनाने से पहले ही देश के 99.93 प्रतिशत, यानी, 16,733 पुलिस स्टेशनों को ऑनलाइन जोड़ने और इन्हें एक ही सॉफ्टवेयर से चलाने का काम पूरा कर चुकी है। उन्होंने कहा कि देश की 22 हज़ार अदालतें ई-कोर्ट बन चुकी हैं, ई-प्रिज़न के माध्यम से देश के 2 करोड़ कैदियों का डेटा,ई-प्रॉसीक्यूशन के माध्यम से 1 करोड़ से अधिक अभियोजन का डेटा और ई-फॉरेंसिक के माध्यम से 17 लाख फॉरेंसिक डिटेल्स का डेटा भी ऑनलाइन कर दिया गया है। श्री शाह ने कहा कि इसके साथ ही 90 लाख से अधिक फिंगरप्रिंट डेटा, इंटीग्रेटेड मॉनीटरिंग ऑफ टेररिज़्म (iMOT), निदान के माध्यम से अरेस्टेड नार्को ऑफेंडर का डेटा, नेश्नल डेटाबेस ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग ऑफेंडर्स का डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके साथ ही क्राइम मल्टीऐजेंसी सेंटर को इसके साथ जोड़ने के साथ ही नेश्नल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और प्रिज़नर का बायोमैट्रिक डेटा भी तैयार कर लिया गया है। अब इसके बाद इन सबके बीच संवाद की भाषा तय करना, संवाद करने वाला सॉफ्टवेयर लाना औऱ आर्टिफिश्यिल इंटेलीजेंस का उपयोग करते हुए इसका एनालिसिस कर देश में आतंकवाद और क्राइम पर नकेल कसने का काम करना है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत अपने क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को भारतीय विचारों से चलाने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम 19वीं सदी से सीधा 21वीं सदी में छलांग लगाने के लिए भी तैयार है। श्री शाह ने कहा कि इन कानूनों पर अमल के बाद हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम विश्व का सबसे आधुनिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम बनेगा।