सगे बेटे से पिता की जान को खतरा : दूसरे पुत्र ने डीजीपी को पत्र लिख कर पिता की कस्टडी मांगी
चण्डीगढ़ : पिछले दिनों जब पितृ पक्ष चल रहा था और पूरे देश में स्वर्ग सिधार चुके अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए कर्मकांडों में जुटे हुए थे, उन्हीं दिनों में सेक्टर 46 निवासी कलयुगी पुत्र अपने 90 वर्षीय जीवित पिता पर अत्याचार कर रहा था। इस बाबत सेक्टर 32 निवासी प्रकाश सैनी ने अपने भाई पर पिता को टॉर्चर करने का आरोप लगाते हुए चण्डीगढ़ पुलिस के प्रमुख से अपने पिता की कस्टडी मांगी है।
प्राप्त विवरण के मुताबिक प्रकाश सैनी के 90 वर्षीय पिता रत्न लाल सैनी कुछ दिन अपने एक बेटे सेक्टर 46 निवासी कुलदीप सैनी के पास व कुछ दिन प्रकाश सैनी के पास रहते हैं। पिछले कई दिनों से रत्न लाल सैनी उनके पास रहने नहीं आए। तभी एक दिन रत्न लाल सैनी ने फोन नंबर 97796 50129 से अपने पोते यानी प्रकाश सैनी के बेटे सुदाम सैनी को कॉल करके कहा कि उन्हें यहां से ले जाओ क्योंकि कुलदीप और उसके घर वाले उन्हें तंग कर रहे हैं, गाली-गालौच करते हैं व मारपीट करते हैं। इसके अलावा उनसे कुछ कागजों पर साइन करने के लिए भी दबाव बना रहे हैं। इस पर जब सुदाम सैनी उन्हें लेने गया, तो कुलदीप सैनी और उसके परिवार ने उसे अपने दादा से मिलने नहीं दिया और बाहर से ही लौटा दिया। इस पर प्रकाश सैनी ने पुलिस प्रमुख को पत्र लिख कर गुहार लगाई है कि उनके पिता की जान को खतरा है। इसलिए उनकी कस्टडी उन्हें दिलाई जाए।
उन्होंने अपनी दरख्वास्त में पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए लिखा है कि वे सेक्टर 32 के मकान नंबर 359 के निवासी हैं, व इसकी ऊपर की दो फ्लोर उनके नाम है, जबकि नीचे वाली फ्लोर कुलदीप सैनी के नाम है। अगस्त माह में कुलदीप ने दरवाजों में दीमक लगे होने की बात कह कर नीचे के पोर्शन में तोड़ फोड़ करनी शुरू कर दी, व सपोर्टिंग वाल्स ही हटा दी जिससे इस 40 साल पुराने मकान के साथ-साथ साथ का मकान भी खतरे की जद में आ गए। ये तोड़फोड़ रुकवाने के लिए वे स्थानीय पुलिस की शरण में गए, परंतु जब वहां सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने कोर्ट का सहारा लेकर स्टे ले ली। कोर्ट ने कुलदीप सैनी से इस तोड़फोड़ के लिए प्रशासन से इजाजत लेने संबंधी कागजात मांगे तो कुलदीप सैनी ये कागजात पेश करने में असमर्थ रहा, जिसपर कोर्ट ने स्टे लगा दी।
प्रकाश सैनी ने कहा कि अब कुलदीप सैनी अपनी सारी खुंदक पिता पर निकाल रहा है व उन्होंने खतरा जताया कि कहीं उनके पिता के साथ कोई अनहोनी न हो जाए।
उन्होंने उनके पिता द्वारा अपने पोते को किए गए फोन का नंबर व समय का उल्लेख करते हुए ये भी मांग की है कि फोन कंपनी के टेलीफोन एक्सचेंज से कॉल की रिकॉर्डिंग निकला कर सुनी जाए, जिससे सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
उन्होंने बताया कि उस दिन के बाद से लेकर आज तक ना तो उन्हें उनके पिता का फोन आया, और ना ही उनके सुख सांत की कोई खबर मिल पा रही है। वे आखिरी बार 10 अगस्त से भी पहले उनके घर आये थे।
उन्होंने अपनी शिकायत में ये भी लिखा है कि कुलदीप कुमार सैनी के पास असला है और उनके पूरे परिवार को उससे और उसके बेटे सर्वजीत सैनी से खतरा है। इसलिए कुलदीप के पास जो भी कानूनी या गैर कानूनी असला है, उसे पुलिस की कस्टडी में लिया जाए और ये असला सेक्टर-34 के पुलिस स्टेशन की बजाए कोई और स्टाफ को भेज कर उनके घर से बरामद किया जाए, क्योंकि उन्हें सेक्टर-34 के थाने कि पुलिस पर ज़रा भी भरोसा नहीं है।
इस बाबत उन्होंने 25 अक्टूबर की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि उस दिन दोपहर 12.57 बजे सेक्टर 34 थाने का पुलिस कर्मचारी नवीन उनके छोटे भाई कुलदीप के साथ उसी की गाड़ी में बैठ कर उनके घर के आसपास घूम रहा था। वो डिस्प्यूट के पहले दिन से लेकर आज तक उन्हें परेशान कर रहा है। वो अक्सर यहां आसपास घूमता रहता है। इसीलिए उन्हें सेक्टर 34 की पुलिस पर भरोसा नहीं है। अब जबकि पहले से अदालत में मामला चल रहा है, परंतु फिर भी पुलिस दखलंदाजी करने से बाज नहीं आ रही है।
एस्टेट ऑफिस को अवैध निर्माण की दो बार शिकायत दी, परंतु 3 महीने से कोई कार्रवाई नहीं हुई
प्रकाश सैनी के मुताबिक मकान में कुलदीप सैनी द्वारा बिना एस्टेट ऑफिस से मंजूरी लिए तोड़ फोड़ शुरू कर दी गई। इस बारे में संबंधित विभाग में दो बार शिकायत की गई, परंतु कोई इधर झांकने भी नहीं आया। कोई कार्रवाई करना या जुर्माना लगाना तो दूर की बात है।